rahul gandhi-meets railway trackmen delhi : रेलवे ट्रैक मैंन की समस्या जानने के लिए दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर ट्रैकमैन के साथ उनका ड्रेस पहने और पीठ पर वजन रख करके साथ चले और उनकी समस्या जानी क्या थी उनकी क्या थी उनकी समस्याएं…..
रेलवे ट्रैक मैंन से राहुल गाँधी ने की मुलाकात
राहुल गांधी दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर जाकर ट्रैक मैं से मिले और उनसे मिलकर बातें की तो ट्रैक मैंने बताया कि हर साल लगभग 500 से 550 लोग रेलवे दुर्घटना मृत्यु हो जाती है, सबसे बड़ी कर समस्या यह है कि सिग्नल ग्रीन है उसके बाहर भी हमें काम करना है और उसके अंदर भी मुझे काम करना है
इस दौरान कोई त्रुटि न हो जाए कोई पटरी से कोई सिगनल तार छूटा तो नहीं है कोई पटरी का पेंडुलम ढीला तो नहीं है यह सब देखने के लिए हम थक जाते हैं लगभग 8 किलोमीटर की दायरे में रहते हैं और इस दायरे में पैदल हम सफर करते हैं और पटरिया पर चलते रहते हैं उस दौरान हमें एक सिग्नल के रूप में मिला होता है लेकिन जब हम थक जाते हैं तो हमें नहीं पता लगता और ट्रेन से हमारी ट्रैकमानों की मृत्यु ज्यादा हो जाती है
rahul gandhi-meets railway trackmen delhi ट्रैकमैन ने बताई समस्या
राहुल गाँधी सर हमारी समस्या यह है कि हम ट्रैकमैन की नौकरी ज्वाइन करते हैं तो बिना प्रमोशन के ही हम ट्रैकमैन से रिटायर हो जाते हैं समस्या यही है कि हमारा भी प्रमोशन किया जाए हमारे बीवी बच्चों को जो की अच्छी शिक्षा के लिए अच्छे इनकम की जरूरत होती है तो ट्रैकमैन की समस्याएं बहुत ज्यादा है
सर एक ट्रैकमैन जो महिला है वह लगभग 5 किलोमीटर ट्रैकमैन के साथ जाती है और ट्रैकमैन के साथ ही वह वापस आती है तो समस्याएं सर हमारे साथ बहुत ज्यादा है और आप हमारे साथ गए और आपको हमने जो भी दिखाया यह सब ट्रैकमैन का कार्य होता है आप देख सकते हैं इस वीडियो में की ट्रैकमैन की क्या-क्या समस्याएं होती हैं राहुल गांधी पीठ पर बैग रखे हुए हैं और ट्रैकमैन का ड्रेस पहन करके लोगों के साथ चल भी रहे हैं और अंत में उनसे बातें भी की है कहते हैं ट्रैक मैंने कहासुनिए इस विडिओ में…..
रेलवे को गतिशील और सुरक्षित बनाए रखने वाले ट्रैकमैन भाइयों के लिए सिस्टम में ‘न कोई प्रमोशन है, न ही इमोशन’।
भारतीय रेल कर्मचारियों में ट्रैकमैन सबसे ज्यादा उपेक्षित हैं, उनसे मिल कर उनकी समस्याओं और चुनौतियों को समझने का मौका मिला।
ट्रैकमैन 35 किलो औजार उठाकर रोज 8-10 कि.मी.… pic.twitter.com/OL1Q49CLLN
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 3, 2024
rahul gandhi-meets railway trackmen delhi रेलवे को गतिशील और सुरक्षित बनाए रखने वाले ट्रैकमैन भाइयों के लिए सिस्टम में ‘न कोई प्रमोशन है, न ही इमोशन’। भारतीय रेल कर्मचारियों में ट्रैकमैन सबसे ज्यादा उपेक्षित हैं, उनसे मिल कर उनकी समस्याओं और चुनौतियों को समझने का मौका मिला।
ट्रैकमैन 35 किलो औजार उठाकर रोज 8-10 कि.मी. पैदल चलते हैं। उनकी नौकरी ट्रैक पर ही शुरू होती है और वो ट्रैक से ही रिटायर हो जाते हैं । जिस विभागीय परीक्षा को पास कर दूसरे कर्मचारी बेहतर पदों पर जाते हैं, उस परीक्षा में ट्रैकमैन को बैठने भी नहीं दिया जाता।
ट्रैकमैन भाइयों ने बताया कि हर साल करीब 550 ट्रैकमैन काम के दौरान दुर्घटना का शिकार होकर जान गंवा देते हैं, क्योंकि उनकी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। विपरीत परिस्थितियों में बिना बुनियादी सुविधाओं के दिन-रात कड़ी मेहनत करने वाले ट्रैकमैन भाइयों की इन प्रमुख मांगों को हर हाल में सुना जाना चाहिए।
क्या थी ट्रैक मैंन की समस्या
1. काम के दौरान हर ट्रैकमैन को ‘रक्षक यंत्र’ मिले, जिससे ट्रैक पर ट्रेन आने की सूचना उन्हें समय से मिल सके।
2. ट्रैकमैन को विभागीय परीक्षा (LDCE)के जरिए तरक्की का अवसर मिले। ट्रैकमैन की तपस्या से ही करोड़ों देशवासियों की सुरक्षित रेल यात्रा पूरी होती है, हमें उनकी सुरक्षा और तरक्की दोनो सुनिश्चित करनी ही होगी।…Written by Rajesh yadav
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