ek rupee coin ka manufacturing cost: भारतीय मुद्रा बाज़ार में आने से पहले उसका Layout तैयार किया जाता है उसी तरह एक रूपये को बनाने में भारत में कितना खर्च आता है| यह खुलासा आरबीआई ने 2018 में एक आरटीआई के जवाब में किया था।
ek rupee coin ka manufacturing cost की भूमिका
One Rupee Cost को बनाने के लिए (RBI) ने सन 2018 में एक RTI के जबाब में बताया था की 1 रूपये के सिक्के बनाने में लगभग 1.11 रूपये की लगत आती है. इसकी लागत कच्चे माल और मशीनों और लेबर खर्च और अन्य पहलूओ को ध्यान में रखकर निकला जाता है भारत के जिस राज्य में सिक्के की छपाई की जाती है हर राज्य का अलग-अलग कीमत आती है.
सिक्के और एक रुपये का नोट सरकार छापती है। दो रुपये से लेकर 500 रुपये तक के नोट RBI छापता है
ek rupee coin ka manufacturing cost
भारत सरकार मुद्रा बनाने में आय से ज्यदा खर्च करती है, भारत चिन्ह वाला एक रुपया बनाने में RBI के दिशा निर्देश में किया जाता है सभी प्रकार की सामग्री का खाका तैयार किया जाता उसके बाद ही रूपये को छपने की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
1 रूपये बनाने में लगभग 1.11 की लागत से निर्माण किया जाता है औसतन मुद्रा की छपाई उसके मार्केट आने से पहले ही RBI उसकी औसत लगत को की सम्पूर्ण जानकारी रखता है और भारत सरकार के लेखा जोखा विभाग में यथा अस्थिति को सम्पन्न करता है।
1 रूपये सिक्के का व्यास 21.93 मिमी , और मोटाई 1.45 मिमी 1 रूपये सिक्के का वजन 3.76g होता है, एक रूपये सिक्के को छपने की यह प्रक्रिया सन 1992 से प्रारभ है. भारत में सबसे ज्यादा सिक्के पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में बनाए जाते हैं।
भारत के इन राज्यों में बनता है 1 रूपये
कोलकाता टकसाल :-
- पश्चिम बंगाल में 1 रूपये का निर्माण किया जाता है जिसकी लगत 1.10 से 1.30 तक होती है.
2.मुंबई टकसाल:-
महाराष्ट्ररा अत्धिक सिक्के का निर्माण किया जाता है जिसकी औसत लागत प्रति सिक्का 1.20 से 1.50 तक होती है यहाँ पर आधुनिक मशीनों से सिक्के का निर्माण किया जाता है
नोएडा टकसाल:-
देश की राजधानी से उत्तर प्रदेश का जिला गौतमबुद्ध नगर (Noida) में सिक्को का निर्माण किया जाता है, 1.15 से 1.40 तक औसातन खर्च आता है, यहाँ पर श्रम लगत कम होने के कारण ज्यादा सिक्को का निर्माण किया जाता है
तेलंगाना टकसाल:-
हैदराबाद के तेलंगाना जिले में सिक्के का निर्माण किया जाता है जिसका औसतन लगत 1.10 से 1.35 प्रति सिक्के की लगत आती है.Written by Rajesh yadav