dholera smart city froude धोलेरा स्कैम में 2700 करोड़ का गोलमाल! क्या वाकई सपना था या स्कैम?
प्रस्तावना: क्या स्मार्ट सिटी का सपना बना घोटाले का अड्डा?
गुजरात की महत्वाकांक्षी योजना, धोलेरा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, जिसे देश के पहले और सबसे बड़े ग्रीनफील्ड स्मार्ट शहर के रूप में विकसित किया जाना था, अब एक घोटाले की कहानी बनता जा रहा है। हालिया रिपोर्टों के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट में करीब 2700 करोड़ रुपये का वित्तीय घोटाला सामने आया है।
क्या है धोलेरा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट?
धोलेरा गुजरात के अहमदाबाद जिले में स्थित एक योजनाबद्ध स्मार्ट सिटी है जिसे Dholera Special Investment Region (DSIR) के रूप में जाना जाता है। यह प्रोजेक्ट भारत सरकार की स्मार्ट सिटी योजना का हिस्सा है और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है।
धोलेरा स्मार्ट सिटी की मुख्य विशेषताएं
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कुल क्षेत्रफल: 920 वर्ग किलोमीटर
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उद्देश्य: हाई-टेक इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन एनर्जी, डिजिटल सिटी
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अनुमानित निवेश: ₹1 लाख करोड़ से अधिक
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नियोजित: मेट्रो, एयरपोर्ट, हाईवे, इंडस्ट्रियल पार्क
🚨 BREAKING NEWS
धोलेरा स्कैम में 2700 करोड़ का गोलमाल!
ख़्वाब मोदी जी का था मगर पलीता गुजरातियों ने नहीं, दो राजस्थानी भाईयों ने लगा दिया!
2015 में मोदी जी ने धोलेरा को भविष्य की स्मार्ट सिटी बताकर प्रचार किया था।
लेकिन सुभाष और रणवीर ने 2700 करोड़ लूट लिए, मार्केट में… pic.twitter.com/uGt6Bej0NE
— 𝙈𝙪𝙧𝙩𝙞 𝙉𝙖𝙞𝙣 (@Murti_Nain) June 20, 2025
2700 करोड़ का घोटाला: पूरा मामला क्या है?
घोटाले का खुलासा कुछ आरटीआई कार्यकर्ताओं और मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से हुआ, जिनमें प्रोजेक्ट में गड़बड़ियों के कई सुराग मिले। घोटाले के मुख्य बिंदु:
1. टेंडर प्रक्रिया में धांधली
बिना अनुभव वाली कंपनियों को करोड़ों रुपये के ठेके दिए गए। कई टेंडर बिना बिडिंग के पास हुए।
2. ज़मीन की कीमतों में हेराफेरी
प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित ज़मीनों की कीमतें कृत्रिम रूप से बढ़ाई गईं, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
3. फर्जी कंसल्टेंसी और बिलिंग
dholera smart city froude कुछ कंसल्टेंसी कंपनियों को बिना किसी वास्तविक काम के 500–700 करोड़ रुपये तक का भुगतान किया गया।
कौन हैं इस स्कैम के पीछे?
अभी तक किसी अधिकारी या नेता का नाम स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक:
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कुछ वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत
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रियल एस्टेट लॉबी की संलिप्तता
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प्राइवेट कंपनियों और बिचौलियों की सांठगांठ
सरकार और जांच एजेंसियों की प्रतिक्रिया dholera smart city froude
अब तक इस स्कैम पर कोई सीबीआई या ईडी जांच शुरू नहीं हुई है, लेकिन लोकल प्रशासन द्वारा प्राथमिक जांच की बात कही जा रही है। कई सामाजिक संगठन और आरटीआई कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं कि मामले की जांच उच्च स्तरीय स्वतंत्र एजेंसी से करवाई जाए।
क्या होगा धोलेरा का भविष्य?
dholera smart city froude इस घोटाले के बाद सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या धोलेरा वाकई भारत का फ्यूचर सिटी बन पाएगा या ये सिर्फ एक और अधूरा सपना रह जाएगा? निवेशकों और आम जनता के मन में अब भरोसे की कमी देखने को मिल रही है।
निष्कर्ष: पारदर्शिता जरूरी है
स्मार्ट सिटी जैसे प्रोजेक्ट भारत के विकास के लिए बेहद जरूरी हैं, लेकिन अगर उनमें पारदर्शिता नहीं होगी, तो ये सिर्फ घोटालों का अड्डा बन कर रह जाएंगे। सरकार को चाहिए कि वो जल्द से जल्द मामले की जांच कराए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
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