Bundelkhand Madhya Pradesh expresswayBundelkhand Madhya Pradesh expressway

Bundelkhand Madhya Pradesh expressway बुंदेलखंड बना मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश का सेतु: सागर वाराणसी कॉरिडोर बाबा विश्वनाथ की नगरी से करेगा कनेक्ट.

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बडे़ शहरों को जोड़ने में बुंदेलखंड बड़ी भूमिका निभा रहा है । चाहे वो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ औद्योगिक नगरी कानपुर या फिर धार्मिक नगरी वाराणसी मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के जरिए आपस में बडे़ फोरलेन एक्सप्रेस हाइवे के जरिए जोडे़ जा रहे हैं ।

इसी कड़ी में बुंदेलखंड में सागर से कटनी तक बन रहे 193 किमी के फोरलेन के जरिए सागर और वाराणसी को जोड़ा जा रहा है । इस एनएचएआई ने सागर वाराणसी कॉरीडोर का नाम दिया है ।

सागर और वाराणसी के जुड़ने से भोपाल, इंदौर के अलावा मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई शहरों के लिए बाबा विश्वनाथ के दर्शन आसानी से हो सकेंगे । हालांकि ये परियोजना 524 किमी लंबी है, लेकिन इसे अलग अलग फेस में तैयार किया गया है। फिलहाल सागर कटनी फोरलेन का काम अंतिम चरण में है।

Bundelkhand Madhya Pradesh
अब बाबा विश्वनाथ के दर्शन होंगे आसान 524 किलोमीटर एक्सप्रेसवे का किया जा रहा निर्माण

 बुंदेलखंड बना एमपी-यूपी का सेतु Bundelkhand Madhya Pradesh expressway

बुंदेलखंड के सागर की बात करें, तो चाहे कानपुर को भोपाल, इंदौर जैसे शहरों से जोड़ने का मामला हो या फिर यूपी की राजधानी लखनऊ से मध्य प्रदेश के बीचो-बीच बसा सागर एक अहम भूमिका निभा रहा है ।

सागर कानपुर फोर टू सिक्स लेन, भोपाल-लखनऊ इकॉनामिक कॉरिडोर के अलावा सागर वाराणसी कॉरिडोर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बडे़ शहरों के बीच की दूरी और सफर में लगने वाला समय कम करने में सागर शहर अहम भूमिका निभा रहा है.इसी कड़ी में जल्द सागर वाराणसी कॉरिडोर परियोजना आकार लेने वाली है ।

केंद्रीय सडक एवं परिवहन मंत्रालय Bundelkhand Madhya Pradesh expressway

524 किमी लंबे सागर-वाराणसी कॉरिडोर की रूपरेखा बनायी गयी है। जिसे सागर-कटनी फोरलेन के जरिए जोड़ा जा रहा है। इस परियोजना के तहत सागर से कटनी तक 193 किमी फोरलेन आकार ले चुका है । जो गढ़ाकोटा, दमोह, रैपुरा से कटनी तक बनेगा।

एनएचएआई का कहना है कि कटनी से वाराणसी तक के लिए करीब 331 किमी फोरलेन पहले ही तैयार है। इस प्रोजेक्ट पर 2018-19 में काम शुरू हुआ था। एक तरह से सागर-वाराणसी का काम अंतिम चरण में हैं ।

बुंदेलखंड में बनेगा नया कॉरिडोर

जब इस मार्ग का सर्वे किया गया था तब प्रतिदिन 10 हजार वाहनों की आवाजाही इस रूट से होती थी, लेकिन फोरलेन बन जाने से वाहनों की संख्या 3 से 4 गुना होने का अनुमान है । इस वजह से यहां 14 ट्रैफिक मेजरमेंट प्वाइंट बनाए जा रहे हैं। जो ट्रैफिक कंट्रोल के साथ रोड की गतिविधियों का विश्लेषण भी करेंगे

एनएचएआई के मुताबिक ये मार्ग धार्मिक पर्यटन में अहम भूमिका निभाएगा. ओंकालेश्वर और उज्जैन को वाराणसी से जोड़ने वाला एक बेहरतरीन रूट बन जाएगा, क्योंकि भोपाल से सागर के लिए रायसेन और विदिशा दोनों तरफ से फोरलेन भी बन रहे हैं । जिनका काम अंतिम चरण में है। जो भोपाल-कानपुर इकॉनामिक कॉरिडोर के अलावा भोपाल से विदिशा होते हुए झांसी को जोड़ने वाले फोरलेन है ।

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